Saturday, 5 November 2016

एक अनसुने हीरो की छोटी सी कहानी

हम में से कितने लोग सोचते हैं की कभी निस्वार्थ भाव से कार्य करेंगे, किन्तु बहुत कम लोग इस कथनी और करनी को एक कर पाते हैं। अमरेश गिरि उन कुछ लोगों में से एक हैं। सुबह 4 बजे उठकर, लगभग 160 किलोमीटर का पहाड़ी  रास्ता ते करने के बाद, और 7 किमी की चड़ायी करने के बाद गिरि उत्तरकाशी के समीप एक गाँव में जाकर एक गरीब किसान को नियमित रूप से जैविक खाद बनाना सीखाते हैं। कभी भी हमने गिरि के चेहरे पर थकान यान फिर किसी शिकंध का भाव नहीं देखा। अब ऐसे व्यक्ति को हम हीरो न कहें तो और क्या कहें। यदि आप को हमारी बात पर यकीन नहीं है तो आप खुद इस लिंक पर दिये गए विडियो को देख लीजिये की कैसे एक युवा भारत माता की सेवा में तत्पर है। 

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